वर्नियर कैलीपर्स का सिद्धांत तथा बनावट

वर्नियर कैलीपर्स - फ्रांसीसी गणितज्ञ पियरे वर्नियर ने एक ऐसा उपकरण बनाया जिसकी सहायता से 0.01 cm या 0.1 mm तक की दूरियों का यथार्थ मापन संभव हुआ । इस उपकरण को उनके नाम पर वर्नियर कैलीपर्स कहा जाता है ।

vernier caliper hindi
वर्नियर कैलीपर्स

वर्नियर कैलीपर्स की बनावट

वर्नियर कैलीपर्स के मुख्य भाग निम्नानुसार होते हैं -

1 . मुख्य पैमाना M – प्रधान पैमाना M अच्छे स्टील का बना होता है तथा इस पर एक - एक ओर सेन्टीमीटर पैमाना तथा दूसरी ओर इन्च पैमाना बना होता है । सेन्टीमीटर पैमाना 1 मिमी . के भागों में अंशांकित होता है जबकि इन्च पैमाना 0.1 इन्च के भागों में अंशांकित होता है ।

2 . वर्नियर पैमाना V – सरकने वाले जबड़े के साथ एक खिड़कीनुमा संरचना जुडी होती है । जिस पर वर्नियर स्केल अंकित होता है खिड़की से मुख्य पैमाना स्पष्ट दिखायी देता है । वर्नियर पैमाने को किसी भी स्थिति पर पेच S को कसकर स्थिर किया जा सकता है । वर्नियर पैमाने पर सामान्यतः दोनों ओर 10 भाग बने होते हैं । सेन्टीमीटर पैमाने पर , वर्नियर पैमाने के 10 भाग , प्रधान पैमाने के 9 भागों ( 9 मिमी. या 0.9 सेमी. ) के तुल्य होते हैं तथा इन्च पैमाने पर ये प्रधान पैमाने के 9 भागों ( 0.9 इन्च ) के तुल्य होते हैं ।

3 . जबडे - वर्नियर कैलीपर्स में चार जबड़े होते हैं A , B , C , व D प्रत्येक जबड़ा प्रधान पैमाने के ठीक लम्बवत होता है । इनमें से A एवं B निचले जबड़े तथा C एवं D ऊपरी जबड़े कहलाते हैं । A एवं C स्थिर जबड़े होते हैं जबकि B एवं D गतिशील जबड़े होते हैं जो कि वर्नियर पैमाने के साथ - साथ खिसकते हैं । पिण्ड जिसकी लम्बाई , चौड़ाई का मापन करना है उसे जबड़ों के मध्य सटाकर रखा जाता है । पिण्ड की बाह्य विमाओं के मापन के लिए , उसे निचले जबड़ों के मध्य तथा आन्तरिक विमाओं के मापन के लिए ऊपरी जबड़ों के मध्य कसा जाता है । ।

4 . पत्ती E - वर्नियर पैमाने के साथ एक पतली धातु की पत्ती E संयुक्त होती है जो कि प्रधान पैमाने के पीछे की ओर लगी होती है । यह पत्ती वर्नियर पैमाने के खिसकाने पर प्रधान पैमाने के अन्दर की ओर या बाहर की ओर गति करती है । जब जबड़ों को पूर्णतः सटाकर रखा जाता है तो पत्ती का स्वतंत्र किनारा , प्रधान पैमाने के स्वतंत्र किनारे के संपातित होता है । किसी वस्तु की गहराई का मापन , इस पत्ती की सहायता से किया जा सकता है ।

वर्नियर कैलीपर्स का अल्पतमांक ( L.C.)

किसी भी उपकरण / यंत्र द्वारा पढ़ा / मापा जा सकने वाला न्यूनतम मान उस उपकरण का अल्पतमांक कहलाता है ।

वर्नियर कैलीपर्स का अल्पतमांक =
प्रधान पैमाने का एक भाग का मान / वर्नियर पैमाने पर कुल भागों की संख्या

शून्यांक त्रुटि - किसी उपकरण के उपयोग से अथवा उसके निर्माण में दोष से उपकरण में शून्यांक त्रुटि आ जाती है । यदि वर्नियर कैलीपर्स के दोनों जबड़ों को चित्रानुसार परस्पर सटाकर रखने पर वर्नियर पैमाने का शून्य तथा प्रधान पैमाने का शून्य , ठीक संपाती हो तो उपकरण शून्यांक त्रुटि रहित होता है । तथा यदि दोनों शून्य ठीक संपाती नहीं हैं तो उपकरण में शून्यांक त्रुटि होती है ।
शून्यांक त्रुटि दो प्रकार की होती है -

( A ) धनात्मक शून्यांक त्रुटि - जब वर्नियर पैमाने का शून्य प्रधान पैमाने के शून्य के दांयी ओर है तो शून्यांक त्रुटि धनात्मक कहलाती है । इस स्थिति में यह देखकर कि वर्नियर पैमाने का कौनसा चिन्ह प्रधान पैमाने के किसी चिन्ह के ठीक संपाती है । इस संपाती चिन्ह में अल्पतमांक का गुणा कर शून्यांक त्रुटि का निर्धारण करते हैं ।

( B ) ऋणात्मक शून्यांक त्रुटि - जब वर्नियर पैमाने के शून्य प्रधान पैमाने के शून्य के बांयी ओर है तो शून्यांक त्रुटि ऋणात्मक होती है । ऋणात्मक शून्यांक त्रुटि का निर्धारण , धनात्मक शून्यांक त्रुटि की भांति करते हैं ।

शून्यांक त्रुटि होने पर संशोधित पाठ्यांक ( मान ) = कुल पाठ्यांक - [ ± शून्यांक त्रुटि ]

वर्नियर कैलीपर्स से सम्बंधित प्रश्न

प्रश्न 1 . वर्नियर कैलीपर्स क्या है ?

उत्तर - वर्नियर कैलीपर्स सूक्ष्म दूरियों को नापने का उपकरण है । इससे एक मिलीमीटर के दसवें भाग तक मापन कर सकते हैं ।

प्रश्न 2 . इसे वर्नियर कैलीपर्स क्यों कहते हैं ?

उत्तर - इसका निर्माण फ्रांसीसी गणितज्ञ पियरे वर्नियर ने किया था । इसलिये इसे वर्नियर कैलीपर्स कहते हैं ।

प्रश्न 3 . वर्नियर की अल्पतमांक का क्या तात्पर्य है ?

उत्तर - वर्नियर की वह न्यूनतम माप जिसे वर्नियर यथार्थता पूर्वक माप सकता है , अल्पतमांक कहलाता है ।

प्रश्न 4 . मुख्य पैमाना कौन सा है ?

उत्तर - स्थिर पैमाना मुख्य पैमाना कहलाता है ।

प्रश्न 5 . वर्नियर पैमाने का क्या लाभ है ?

उत्तर - वह पैमाना जिसके ऊपर सामान्यतः सम दूरी पर 10 चिन्ह बने होते हैं तथा मुख्य पैमाने पर सरकता है । वर्नियर पैमाना कहलाता है ।

प्रश्न 6 . वर्नियर पैमाने का क्या लाभ है ?

उत्तर - वर्नियर पैमाने द्वारा मुख्य पैमाने के लघुतम माप के दसवें भाग तक मापा जा सकता है ।

प्रश्न 7 . शून्यांक त्रुटि किसे कहते हैं ?

उत्तर - जब वर्नियर के जबड़े आपस में मिले हो तो मुख्य पैमाने की शून्य व वर्नियर पैमाने की शून्य एक दूसरे से सम्पातित नहीं होते तो यह अन्तर ही शून्यांक त्रुटि कहलाता है ।

प्रश्न 8 . क्या शून्यांक त्रुटि ज्ञात करना आवश्यक होता है ?

उत्तर - हाँ , वर्नियर कैलीपर्स द्वारा लम्याई या दूरी यथार्थता पूर्वक नापने के लिए यह आवश्यक होता है ।

प्रश्न 9 . शून्यांक त्रुटि तथा शून्यांक संशोधन में क्या अन्तर है ?

उत्तर - शून्याक त्रुटि , शून्यक संशोधन के परिमाप के बराबर होती है तथा इसका चिन्ह विपरीत होता है ।
शून्यांक संशोधन = - शून्यांक त्रुटि

प्रश्न 10 . कौन सा वर्नियर कैलीपर्स अधिक सुग्राही है कम अल्पतमांक वाला अथवा ज्यादा अल्पतमांक वाला ? ।

उत्तर - कम अल्पतमांक वाला

प्रश्न 11 . वर्नियर कैलीपर्स के ऊपरी जबड़ों का क्या कार्य है ?

उत्तर - उनकी सहायता से कैलोरीमापी अथवा किसी पिण्ड का अन्तः व्यास या अन्तः दूरी ज्ञात की जा सकती है ।

प्रश्न 12 . क्या वर्नियर से π का मान ज्ञात कर सकते हैं सूत्र बताओ ?

उत्तर - हाँ , π =
परिधि / व्यास

प्रश्न 13 . वर्नियर कैलीपर्स के मुख्य भाग कौनसे हैं ?

उत्तर - ( i ) प्रधान ( मुख्य ) पैमाना , ( ii ) वर्नियर पैमाना

प्रश्न 14 . क्या वर्नियर कैलीपर्स द्वारा बाल की मोटाई / कागज की मोटाई ज्ञात कर सकते हैं ?

उत्तर - नहीं , क्योंकि बाल की मोटाई वर्नियर की अल्पतमांक से कम होती है ।

प्रश्न 15 . वर्नियर पैमाने से जुड़ी हुई तथा मुख्य पैमाने के पीछे सरकने वाली पतली पट्टी का क्या उपयोग है ?

उत्तर - किसी खोखली वस्तु की जैसे कैलोरीमापी , बेलन की गहराई नापने के लिए ।

प्रश्न 16 . अन्तिम परिणाम को दशमलव के द्वितीय स्थान तक लेना क्यों आवश्यक है ?

उत्तर - वर्नियर इससे कम दूरी यथार्थता से सिद्धांततः नहीं पढ़ सकता है ।

प्रश्न 17 . वर्नियर कैलीपर्स की पत्ती का क्या लाभ है ?

उत्तर - बीकर / कैलोरीमापी की गहराई नापने के लिए ।

प्रश्न 18 . उन यत्रों के नाम बताइये , जिनमें वर्नियर स्केल लगा रहता है ।

उत्तर - चलायमान सूक्ष्मदर्शी , सेक्सटेंट तथा फोर्टिन बैरोमीटर ।


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