भारत में उपराष्ट्रपति का पद अमेरिका के उपराष्ट्रपति की तर्ज पर बनाया गया है ।
आधिकारिक क्रम में यह पद राष्ट्रपति के बाद आता है ।
संविधान के अनुच्छेद 63 के अनुसार भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा ।
अनुच्छेद 64 के तहत उपराष्ट्रपति राज्य सभा का ‘ पदेन सभापति ’ ( Ex Officio Chairman ) होता है ।
जिस अवधि के दौरान उपराष्ट्रपति , अनुच्छेद 65 के अधीन राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन करता है , उस दौरान वह राज्य सभा के सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन नहीं करेगा तथा अनुच्छेद 97 के अधीन सभापति के वेतन - भत्ते का हकदार नहीं होगा ।
भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित और मनोनीत दोनों सदस्यों द्वारा किया जाता है ।
अनुच्छेद 66 ( 1 ) के अनुसार , उपराष्ट्रपति का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधत्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है तथा ऐसे निर्वाचन में मतदान गुप्त होता है ।
अनुच्छेद 66 ( 3 ) के तहत उपराष्ट्रपति पद के लिए योग्यता ( भारत का नागरिक हो , 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो तथा राज्य सभा सदस्य निर्वाचित होने की योग्यता ) का उल्लेख किया गया है ।
भारत के उपराष्ट्रपति को राज्य सभा के सभापति पद के लिए 4 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाता है ।
उपराष्ट्रपति को , उपराष्ट्रपति पद के लिए वेतन नहीं प्राप्त होता है , बल्कि राज्य सभा के सभापति के रूप में प्राप्त होता है ।
अनुच्छेद 67 ( क ) के अनुसार , उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष है ।
अनुच्छेद 67 ( ख ) के अनुसार उपराष्ट्रपति राज्य सभा के ऐसे संकल्प द्वारा अपने पद से हटाया जा सकेगा , जिसे राज्य सभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत ने पारित किया है और जिससे लोक सभा सहमत है ।