भारत एवं चीन के मध्य संबंध सुधारने के लिए भारतीय नेताओं द्वारा की गयी चीनी यात्रा

भारत एवं चीन के मध्य संबंध सुधारने के लिए भारतीय नेताओं द्वारा की गयी चीनी यात्रा
क्र.सं.चीन की यात्रा पर जाने वाले नेता / नेतृत्व दलसमय ( यात्राकाल )उल्लेखनीय वार्ताएँ / समझौते अन्य तथ्य
1.श्री विजयलक्ष्मी पण्डितसन् 1952 मेंविजयलक्ष्मी पण्डित के नेतृत्व में भारतीय सांस्कृतिक प्रतिनिधिमण्डल चीन लोक गणराज्य के आमन्त्रण पर चीनी यात्रा पर गया । इस दौरान चीन ने मैत्री सम्बन्धों में घनिष्ठता की इच्छा प्रकट की थी ।
2.पं . जवाहरलाल नेहरू ( तत्कालीन प्रधानमंत्री )18 अक्टूबर , 1954दोनों देशों में निकटता आई थी । पंचशील पर आस्था प्रकट की गई थी । हिन्दी - चीनी भाई - भाई की गूँज प्रस्फुटित होने लगी थी ।
3.बी . डी . जत्ती उपराष्ट्रपति ( तत्कालीन )1 अक्टूबर , 1978चीन की स्थापना की 21 वीं वर्षगाँठ पर आयोजित महोत्सव में उपस्थित हुए थे । द्विपक्षीय मंत्री एवं आपसी सहयोग पर चर्चा हुई थी ।
4.सुब्रह्मण्यम स्वामी ( ससंद सदस्य )अक्टूबर 1978माकपा के प्रतिनिधिमण्डल एवं सुब्रह्मण्यम स्वामी ने यात्रा की थी । पारस्परिक सम्बन्धों में मधुरता पर बल देने की बात कही गई ।
5.मृणालिनी साराभाईनवम्बर 1978मृणालिनी साराभाई के नेतृत्व में भारतीय नृत्य मण्डली चीन यात्रा पर गई । सांस्कृतिक गतिविधियों द्वारा सम्बन्ध सुधारने की दिशा में पहल की गई ।
6.अटल बिहारी वाजपेयी ( तत्कालीन विदेशमंत्री )12-17 फरवरी , 1979वाजपेयी जी की यात्रा ' टोही मिशन ' के नाम से ख्यात । सीमा विवाद के हल ढूंढ़ का प्रयास चीन द्वारा वियतनाम पर आक्रमण करने के कारण यात्रा अधूरी रह गई । विशेष वार्ता न हो सकी ।
7.राजीव गांधी ( तत्कालीन प्रधानमंत्री )19-23 दिसम्बर , 1988चीन के राष्ट्रपति यांग शान कुन प्रधानमंत्री लिंग पेंग एवं शीर्ष नेता शियाओपिंग से वार्तालाप हुई । आर्थिक , वैज्ञानिक , तकनीकी एवं सांस्कृतिक सहयोग में वृद्धि के लिए संयुक्त आयोग का गठन किया गया उड्डयन सेवाओं , विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उच्चस्तरीय सहयोग एवं सांस्कृतिक आदान - प्रदान के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए ।
8.आर . वेंकटरमन ( तत्कालीन राष्ट्रपति )17-22 मई , 1992चीन के राष्ट्रपति यांग शाकुन के आमन्त्रण पर चीन गए । प्रथम भारतीय राष्ट्राध्यक्ष चीन की यात्रा पर गए । हिन्दी चीनी भाई - भाई के युग को स्मरण किया तथा दोनों राष्ट्रपतियों ने प्रतिबद्धता को दोहराया ।
9.पी . वी . नरसिंहराव ( तत्कालीन प्रधानमंत्री )सितम्बर 1993भारत और चीन के ऐतिहासिक सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए । वास्तविक नियन्त्रण रेखा का पालन करने , सीमा पर सेना को कम करने , पर्यवेक्षकों द्वारा सीमा विवाद को हल करने सीमा पर शान्ति व्यवस्था बनाए रखने का समझौता किया गया । हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के नाम गया एवं चीन के स्वायत्तशासी क्षेत्र तिब्बत के जिड़वाँ से एक अतिरिक्त व्यापार मार्ग खोलने , रेडियो , टेलीविजन , फिल्मों के आदान - प्रदान एवं पर्यावरण के बारे में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए ।
10.के . आर . नारायणन ( तत्कालीन उपराष्ट्रपति )अक्टूबर 1994चीन के तत्कालीन राष्ट्रपति जिंआंग जैमिन के साथ मुलाकात हुई । सरकारी अधिकारियों को बहुप्रवेश बीसा जारी करने पर एक समक्ष याद पत्र पर हस्ताक्षर किए गए । द्विपक्षीय व्यापार पर वार्ता की गई ।
11.एस . वी . चह्नाण ( तत्कालीन गृहमन्त्री )जुलाई 1995दोनों देशों के अधिकारियों नेताओं को एक दूसरे देश की यात्रा के प्रोत्साहन के लिए वार्ता । भारत एवं चीन द्वारा तेजी से आर्थिक एवं सामाजिक विकास करने एवं सहयोगात्मक सम्बन्ध बनाने पर विचार - विमर्श ।
12.मन्त्रालय स्तरीय मण्डल26 फरवरी , 19991997 के एक समझौते के तहत् विचार - विमर्श के लिए चीन भेजा गया । चीन ने इसे सकारात्मक एवं प्रगतिवादी दृष्टिकोण नाम दिया था ।
13.साझे कार्य समूह की बैठकअप्रैल 1999द्विपक्षीय मैत्री एवं आपसी सहयोग के लिए वार्ता हुई ।
14.जसवन्त सिंह ( विदेश मन्त्री )जून 1999चीन के नेताओं से उच्चस्तरीय वार्तालाप की भारत एवं चीन के मध्य आर्थिक , सामाजिक एवं सांस्कृतिक सहयोग को विकसित करने का निर्णय लिया । सुरक्षा वार्तालाप के लिए सहमति की कारगिल युद्ध पर वार्तालाप की गई ।
15.के . आर . नारायणन ( राष्ट्रपति )मई 2000द्विपक्षीय आर्थिक एवं व्यापार सम्बन्धों को विकसित करने की बात पर गौर किया गया । सीमा एवं अन्य मुद्दों पर वार्तालाप हुई ।
16.जॉर्ज फर्नाण्डिस21-28 अप्रैल 2003दोनों देशों के मध्य विवादास्पद मुद्दों को सुलझाने पर चर्चा , भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए पृष्ठभूमि तैयार करना , पारस्परिक सैन्य सहयोग पर वार्ता ।
17.अटल बिहारी वाजपेयी22-27 जून , 2003आसियान सिक्योरिटी फोरम में सहभागिता करना , अमरीका के कारण विश्व व्यवस्था में उत्पन्न असन्तुलन का मूल्यांकन करना , भारत - चीन संयुक्त कार्यदल द्वारा सीमा रेखा पर सन्तुलन के प्रयास करना चीन - पाक के हथियार व्यापार पर विचार करना , तिब्बत एवं सिक्किम को लेकर व्यावहारिक कार्यवाही करना , आर्थिक व तकनीकी रूप से आपस में सहयोग करने पर बातचीत की गई ।

❊Information
File Name - भारत एवं चीन के मध्य संबंध सुधारने के लिए भारतीय नेताओं द्वारा की गयी चीनी यात्रा
Language - Hindi
Size - 201 KB
Number of Pages -220
Writer - #NA
Published By - Knowledge Hub
ISBN - #NA
Copyright Date: 28-10-2021
Copyrighted By: Upkar Publication
Source - Upkar Publication
Categories: Educational Materials
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Description - भारत एवं चीन के मध्य संबंध सुधारने के लिए भारतीय नेताओं द्वारा की गयी चीनी यात्रा
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