शब्द - विचार भाग - 1

shabd vichar

परिभाषा : एक या एक से अधिक वर्णों से बने सार्थक ध्वनि - समूह को शब्द कहते हैं ।

शब्द के भेद : शब्द की उत्पत्ति या स्रोत , रचना या बनावट , प्रयोग तथा अर्थ के आधार पर शब्दों के निम्न भेद किये जाते हैं -

1 . उत्पत्ति के आधार पर

उत्पत्ति एवं स्रोत के आधार पर हिन्दी भाषा में शब्दों को निम्न 4 उपभेदों में बाँटा गया हैं -

( i ) तत्सम शब्द : किसी भाषा में प्रयुक्त उसकी मूल भाषा के शब्दों को तत्सम शब्द कहते हैं । हिन्दी की मूल भाषा ( संस्कृत ) के ये शब्द , जो हिन्दी में ज्यों के त्यों प्रयुक्त होते हैं , उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं ।
जैसे - अट्टालिका , अर्पण , आम्र , उष्ट्र , कर्ण ,गर्दभ , क्षेत्र ।

( ii ) तद्भव शब्द : उच्चारण की सुविधानुसार संस्कृत के ये शब्द , जिनका हिन्दी में रूप परिवर्तित हो गया , हिन्दी में तदभव शब्द कहलाते हैं । जैसे - चन्द्र से चॉद , अग्नि से आग , जिह्वा से जीभ आदि बने शब्द तद्भव शब्द कहलाते हैं ।

तत्सम तद्भव शब्दों की सूची

तत्सम - तद्भव
नक्षत्र - नखत
ननंदृपति - नंदोई
नव - नया
नवती - नब्बे
अन्यपरश्व - नरसों
नस्या - नस
नखहरण - नहना
न हि - नहीं
नापित - नाई
लंघन - लांघना
नक्र - नाक
नस्ता - नाथ
अग्नि - आग
अंध - अँधा
अमृत - अमी
अर्ध - आधा
अष्ट - आठ
अश्रु - आँसू
अक्षि - आँख
अज्ञानी - अनजान
आम्र - आम
आद्रक- अदरक
आश्चर्य - अचरज
आच्शारी - आसरा
आशिष - आशीष
ओष्ठ - ओठ
इक्षु - ईख
उलूक- उल्लू
उष्ट्र - ऊँट
एकादश - ग्यारह
कच्छप - कछुआ
कटु - कड़वा
कंदुक - गेंद
कपाट - किवाड़
कपर्दिका - कौड़ी
कर्ण - कान
कर्पूर - कपूर
कार्य - काज
काष्ठ - काठ
कुपुत्र - कपूत
कुब्ज - कुबड़ा
कुम्भकार - कुम्हार
कुमार - कुँवर
कुष्ठ - कोढ़
कूप - कुँवा
कोकिल - कोयल
कोटि - करोड़
गर्जन - गरज
गर्दभ - गधा
ग्रंथि - गाँठ
ग्राम - गाँव
गोधूम - गेंहू
गौर -गोरा
गृध - गीध
गृह - घर
घटिका - घड़ी
घृत - घी
चंचु - चोंच
चतुर्थ - चौथा
चंद्र - चाँद
चर्मकार - चमार
चित्रकार - चितेरा
चैत्र - चैत
चौर - चोर
छिद्र - छेद
ज्येष्ठ - जेठ
जिह्वा - जीभ
ताम्र - ताँबा
तैल - तेल
त्वरित - तुरंत
दंड - डंडा
दधि - दही
दन्त - दांत
द्वादश - बारह
द्विगुण - दुगुना
दुग्ध - दूध
धैर्य - धीरज
धूम - धुवाँ
नग्न - नंगा
निर्गलन - निगलना
नारिकेल - नारियल
नवनवती - निन्नान्वें
नीचें: - नीचे
निष्ठुर - निठुर
निर्दर - निडर
निर्वहण - निभाना
निघाती- निहाई
नीच्य - नीचा
निम्बक - नीबू
निम्ब - नीम
निमंत्रण - नेवता
नियम - नेम
नकुल - नेवला
नयन - नैन
ज्ञातिगृह - नैहर
लुंचन - नोचना
स्नेह - नेह
नयन - नैन
शकुन - सगुन
शालाकिका - सलाई
शत - सौ
शत - सौ
शिक्षा - सीख
श्रावण - सावन
श्रृंगार - सिन्गार
श्वास - साँस
शूकर - सूअर
शप्तशती - सतसई
राजा - राय
रात्रि - रात
रोदन - रोना
लज्जा - लाज
लवंग - लौंग
लक्ष - लाख
लोक - लोग
लौहकार - लोहार
वट - बड़
वत्स - बच्चा
वधू - बहू
व्याध - बाघ
वानर - बन्दर
वाष्प - भाप
शत - सौ
शत - सौ
स्तन - थन
सप्त - सात
स्वर्ण - सोना
सूर्य - सूरज
सूत्र - सूत
सौभाग्य - सुहाग
हास्य - हँसी
अस्थि - हड्डी
हस्त - हथोड़ा
हरीतकी - हरड
हरित - हरा
लघुक - हल्का
हरिद्रा - हल्दी
हस्त - हाथ
हस्ती - हाथी
हारि - हार
हीरक - हीरा
अघ : स्थिति - हेठी
ह्रदय - हिया
हिल्लन - हिलना
हिंगू - हींग
ओष्ठ - होंठ
हट्ट - हाट
निद्रा - नींद
निष्ठुर - निठुर
पद - पैर
पश्चाताप - पछतावा
पक्ष - पंख
प्रकट - प्रगट
प्रतिवासी - पडोसी
प्रस्तर - पत्थर
प्रहरी - पहरी
प्रतिवेशी - पडोसी
पठ - पढ़
पिस्थिका - पीठी
पत्र- पत्ता
प्रस्तर - पत्थर
पन्यशालिक - पंसारी
उपरि - पर
परिकूट- परकोटा
प्रतिच्छाया - परछाई
प्रणाल - परनाला
परपौत्र - परपोता
पर्पौत्री - परपोती
परमार्थ - परमारथ
स्पर्श - परस
परीक्षा -परिच्छा
परश्व - परसों
पर्पट- पराठा
पर्यक - पलंग
पटल - पलड़ा
पल्लव - पल्ला
स्वेद - पसीना
प्रत्यभिज्ञान - पहचान
परिधान - पहनना
प्रहर - पहर
प्रथिल - पहला
प्रहरी - पहरूवा
पञ्च - पाँच
पिप्पल - पीपल।
पृष्ठ - पीठ
पाद - पाँव
पितृ - पिता
पीत - पीला
पुत्र - पूत
पुराण - पुराना
पौत्र - पोता
फाल्गुन - फागुन
बधिर - बहरा
बालुका - बालू
बिन्दू - बूँद
भक्त - भगत
भल्लूक - भालू
भिक्षा - भीख
मयूर - मोर
मंडप - मंडुवा
मक्षिका - मक्खी
मत्सर - मच्छर
मत्स्य - मछली
मजिष्ठ - मजीठ
मृत्तिका - मिट्टी
मंडन - मढ़ना
मंत्र्कारी - मदारी
शमशान - मसान
मुषल - मूसल
मुख - मुंह
मृत - मुआ
मुख्य - मुखिया
मह्रम - मुझे
मुष्टि - मुट्ठी
मुदग - मूंग
श्मश्रु - मूंछ
मुंड - मूंड
मस्तक - माथा
मृत्यु - मौत
मार्ग - मग
मिष्ठ - मीठा
मित्र - मीत
मुख - मुँह
मुष्टि - मुट्ठी
मूल्य - मोल
मूषक - मूस
मेघ - मेह
यमुना - जमुना
यम - जम
यंत्र - जंत्र
एष - यह
एवम - यों
अत्र - यहाँ
यज्ञोपवीत - जनेऊ
यजमान - जजमान
रक्षण - रखना .
रक्तिका - रत्ती .
रश्मि - रस्सी .
अरघट्ट - रहट.
क्षार - राख .
रक्षासूत - राखी .
रात्रि - रात .
रुदन - रोना
ऋक्ष - रीछ
राशि - रास
अरिष्ठ - रीठा
रिक्त - रीता
ईर्ष्या - रीस
रुक्ष - रुखा
रुष्ट - रूठा
रजनी - रैन
रोम - रोंवा
राक्षस - राकस
राष्ट्र - राज्य
रक्तिका - रत्ती
रात्रि - रात
राशि - रास
रक्षा - राखी
लज्जा - लाज
लौह - लोहा
लम्बक - लम्बा
लीष्ट - लोढ़ा
वेदना - बेदना
वन - बन
वर्तिका - बत्ती
यव - जौ
योगी - जोगी
यूथ - जत्था
युवा - जवान
योवन - जोबन
युवा - जवान
राजपुत्र - राजपूत
राज्ञी - रानी
रज्जू - रस्सी
रिक्त - रीता
लौहकार - लुहार
लवंग - लौंग
लवण - नमक
लोमश - लोमड़ी
विवाह - बारात
वरयात्रा - बारात
बिग्रह - बिगाड़
झटिति - झट .
निर्झर - झरना .
जीर्ण - झीना .
जुष्ट - झूठा .
टंकशाला - टंकशाला.
त्रुतयते- टूटना .
टिटटिभी - टिटिहरी .
शीत - ठंडा .
स्थान - ठांव .
दंश - डंक .
दर - डर.
दंशन - डसना.
दंड - ठंडा .
डाकिनी - डाइन.
दंष्ट्रा - डाह .
दाह - डाह .
विस्टा - बीट
विद्युत् - बिजली
वत्स - बच्चा
व्याघ्र - बाघ
वंश - बांस
वक् - बगुला
वृच्शिक - बिच्छु
वर्धकिन - बढ़ई
वारिद - बादल
वातुलक - बावला
विल्ब - बेल
व्यथा - विधा
वधु - बहू
वट - बरगद
वाणिक - बनिया
वृद्ध - बुढा
वानर - बन्दर
वास्प - भाप
वर्ष - बरस
व्याख्यान - बखान
वार्ता - बात
वाराणसी - बनारस
विग्रह - बीघा
वेश - भेस
हितेच्छु - हितैषी
हस्त - हाथ
हस्ती - हाथी
हरिद्रा - हल्दी
हास्य - हँसी
क्षार - खार
क्षेत्र - खेत
शिक्षा - सीख
श्रावण - सावन
श्रृंगार - सिंगार
श्वास - साँस
शूकर - सूअर
शप्तशती - सतसई
श्यामल - साँवला
शाप - श्राप
शुन्ठिका - सोंठ
श्रृंगाल - सियार
श्रिंग - सींघ
पष्ट - छः
स्फटिक - फटकरी
परशु - फरुआ
पाशिका - फांसी
फाल्गुन - फागुन
स्फूर्ति - फुरती
स्फुटन - फूटना
फुल्ल - फुल्का
फुल्लन - फूलना
स्फोट - फोड़ा
परशु - फरसा
स्कंध - कन्धा
स्कंधभार - कहार
स्तम्भ - खम्भा
स्थानक - ठप्पा
साक्षी - साखी
सूर्य - सूरज
सूची - सूई
सर्सप - सरसों
हास्य - हँसी
हस्तिनी - हथनी
श्यालक - साला
श्वसुर - ससुर
शर्कर - शक्कर
शाक - साग
शुष्क - सूखा
शून्य - सूना
शीतल - सीतल
शुण्ड - सूंड
श्रद्धा - साध
स्फोटक - फूट
स्तन - थान
स्वामी - साईं
सज्जा - साज
संधि - सेंध
सूत्र - सूत
स्वप्न - सपना
संध्या - शाम
हस्ति - हाथी
होलिका - होली
हस्त - हाथ
हत्याकार - होली
ह्रदय - हिया
श्यालस - साला
शय्या - सेज
शर्करा - शक्कर
स्वसुर - ससुर
शाक - साग
शृंखला - साँकल
श्रृंगार - सिंगार
श्रृंगाल - सियार
श्रावण - सावन
शिर - सिर
शिला - सिल
शिक्षा - सीख
शीर्ष - सीस
श्रेष्ठी - सेठ
स्कंध - कन्धा
संध्या - साँझ

(iii) देशज शब्द : किसी भाषा में प्रचलित वे शब्द , जो क्षेत्रीय जनता द्वारा आवश्यकतानुसार गढ़ लिए जाते हैं , देशज शब्द कहलाते हैं । अर्थात् भाषा के अपने शब्दों को देशज शब्द कहते हैं । साथ ही ये शब्द भी देशज शब्दों की श्रेणी में आते हैं जिनके स्रोत का कोई पता नहीं हैं तथा हिन्दी में संस्कृतेतर भारतीय भाषाओं से आ गये हैं ।

( अ ) अपनी गढन्तु से बने शब्द - ऊटपटाँग , ऊधम , अँगोछा , जङ , खटपट , खर्राटा , खचाखच , खिड़की , खुरपा , गाडी , गड़गड़ाना , गड़बड़ , घेवर , चम्मच , चहचहाना , चिमटा , चाट , चुटकी , चिंघाड़ना , चट्टी , छहरा , छल - छलाना , इण्डा , झगड़ा , टट्टू ठठेरा , डगमगाना , ढक्कन , ढाँचा , डोर , दीदी , पटाखा , परात , पगड़ी , पेट , फटफट , बड़बड़ाना , बटलोई , बाप , बुद्धू , बलबलाना , भोला , मकई , मिमियाना , मुक्का , लपलपाना , लड़की , लुग्दी , लोटपोट , लोटा , हिनहिनाना
( आ ) द्रविड़ जातियों की भाषाओं से आये देशज शब्द : अनल , कज्जल , नीर , पंडित , माला , मीन , काच , कटी , चिकना . ताला , लूंगी , डोसा , इडली ।
( इ ) कोल संस्थाल आदि जातियों की भाषा से बने हिकी के देशज शब्द : कदली से केला , कर्पास से कपास , सरसों , कोड़ी , ताम्बूल , परवल , बाजरा , भिंड़ी ,

( iv ) विदेशी शब्द : राजनीतिक , आर्थिक , धार्मिक एवं सांस्कृतिक कारणों से किसी भाषा में अन्य देशों की भाषाओं से भी शब्द आ जाते हैं , उन्हें विदेशी शब्द कहते हैं । हिन्दी भाषा में प्रयुक्त अंग्रेजी , अरबी , फारसी , पुर्तगाली , तुर्की , फ्रांसीसी , चीनी भाषाओं के अतिरिक्त डच , जर्मनी , जापानी , तिब्बती , रूसी , यूनानी भाषा के भी शब्द प्रयुक्त होते हैं ।

( क ) अंग्रेजी भाषा के शब्द जो प्रायः हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं । अण्डरवियर , अल्मारी , अस्पताल , इंजीनियर , एक्स - रे , एजेण्ट , एम . पी . , क्लास , क्लर्क , कलेक्टर , कॉपी , कार , कैमरा , केस , कौट , क्रिकेट , गार्ड , चैक , टायर , ट्यूब , टेलिविजन , टेलर , टीचर , ट्रक , डबल बैड , डॉक्टर , ड्राफ्ट , निब पोस्टकार्ड , पैन , प्लेटफार्म पाउडर , पोलिंग , पार्लियामेन्ट , पंचर , फिल्म , फाइल , फुटबाल , बस , बिल्डिंग , बैंक बैण्ड , ब्रुश , बुश्शर्ट , बैडमिण्टन , मास्टर , मजिस्ट्रेट , मेम्बर , यूनिवर्सिटी , यूनीफार्म , रेडियो , रजिस्टर , रेल , रेडीमेड , लीडरशिप , लाटरी , वारण्ट , वोट , शर्ट , सूट , सिगनल , सिलेण्डर , सीमेण्ट , स्कूटर , स्वैटर ।

( ख ) अरबी भाषा के शब्द : अक्ल , अजीब , अदालत , आजाद , आदमी , इज्जत , इलाज , इन्तजार , इनाम , इस्तीफा , औलाद , कमाल , कब्जा , कानून , कुर्सी , किताब , किस्मत , कबीला , कीमत , गरीब , जनाब , जलसा , जवाब , जुर्माना , जिला , तहसील , ताकत , तारीख , तूफान , तराजू , तमाशा , दुनिया , दफतर , दौलत , नतीजा , नशा , नकद , फकीर , फैसला , बहस , मदद , मतलब , लिफाफा , वकील , शतरंज , शादी , सुबह , हलवाई , हिम्मत , हिसाब , हुक्म् ।

( ग ) फारसी के शब्द : अखबार , अमरूद , आराम , आवारा , आसमान , आतिशबाजी , आमदनी , कमर , कारीगर कमीना , कुश्ती , खराब , खर्च , खजाना , खून , खुश्क , गवाह , गुब्बारा , गुलाब , जानवर , जैब , जगह , जमीन , जलेबी , तनख्वाह , तबाह , दर्जी , दवा , दरवाजा , दीवार , नमक , नेक , बीमार , मजदूर , मलाई , यार , लगाम , शेर , शराब , सूखा , सूद , सेर , सौदागर , सुलान , सुल्पा ।

( घ ) पुर्तगाली भाषा से : अचार , अगस्त , आलपिन , आलू , आया , अन्नानास , इस्पात , कनस्तर , कारबन , कमीज , कमर , गमला , गोभी , गोदाम , चाबी , तौल्मित , नीलाम् , पीपा , पादरी , पिस्तौल , फीता , बस्ता , बटन , बाल्टी , पपीता , प्याला , पतलून , मेज , लबादा , संतरा , साबुन ।

( च ) तुर्की से : भाका , उर्दू , एलची , काबू , खां , कैंची , काबू , कुर्की , कलंगी , कालीन , खंजर , खॉ , चॉक , चिक , चेचक , चुगली , चोगा , तमगा , तमाशा , तोप , बारूद , बाबर्ची , बीबी , बेगम , बहादुर , मुगल , लाश ।

( छ ) फ्रेंच ( फ्रांसीसी ) से : अंग्रेज , काजू , कारतूस , कूपन , टेबुल , मेयर मार्शल , मीनू , रेस्ट्रॉ . सूप ।

( ज ) चीनी से : चाय , लीची , लोकाट , तूफान ।

( झ ) डच से : तुरुप , बम , चिडिया , ड्रिल ।

( ट ) जर्मनी से : नात्सी , नाजीवाद , किंडर गार्टन ।

( ठ ) जापानी से : रिक्सा , सायोनारा ।

( ड ) तिब्बती से : लामा , डाँडी ।

( ढ ) रुसी से : जार , सोवियत , रूबल , स्पुतनिक , बुर्जुग ।

( त ) यूनानी से : एकैडमी , एटम , एटलस , टेलिफोन , बाइबिल ।

( v ) संकर शब्द : हिन्दी में वे शब्द जो दो अलग - अलग भाषाओं के शब्दों को मिलाकर बना लिये गये हैं , संकर शब्द कहलाते हैं ।

अग्नि बोट = अग्नि ( संस्कृत ) + बोट ( अंग्रेजी )
टिकिट - घर = टिकिट ( अंग्रेजी ) + घर ( हिन्दी )
तपैदिक = तप ( फारसी ) + दिक ( अरबी )
नेकचलन = नेक ( फारसी ) + चलन ( हिन्दी )
नेक नीयत = नेक ( फारसी ) + नीयत ( अरबी )
बे - आब = बे ( फारसी ) + आब ( अरबी )
बे - ढंगा = बे ( फारसी ) + ढंगा ( हिन्दी )
बे - कायदा = बे ( फारसी ) + कायदा ( अरबी )
विसातखाना = विसात ( अरबी ) + खाना ( फारसी )
सजा प्राप्त = सजा ( फारसी ) + प्राप्त ( हिन्दी )
रेलगाड़ी = रेल ( अग्रेजी ) + गाड़ी ( हिन्दी )
उड़न तश्तरी = उड़न ( हिन्दी ) + तश्तरी ( फारसी )
कवि दर = कवि ( हिन्दी ) + दरबार ( फारसी )
बम वर्षा = बम ( अंग्रेजी ) + वर्षा ( फारसी )
जांचकर्ता = जाँच ( फारसी ) + कर्ता ( हिन्दी )

( ख ) रचना के आधार पर

शब्दों की रचना प्रक्रिया के आधार पर हिन्दी भाषा के शब्दों के तीन भेद किये जाते हैं ।

( 1 ) रूढ़ शब्द ( 2 ) यौगिक शब्द ( 3 ) योग रूढ़ शब्द |

( i ) रूढ़ शब्द : वे शब्द जो किसी व्यक्ति , स्थान , प्राणी और वस्तु के लिए वर्षों से प्रयुक्त होने के कारण किसी विशिष्ट अर्थ में प्रचलित हो गए हैं , रूढ़ शब्द ' कहलाते हैं । इन शब्दों की निर्माण प्रक्रिया भी पूर्णतः ज्ञात नहीं होती । इनका अन्य अर्थ भी नहीं होता तथा इन शब्दों के टुकड़े करने पर भी उन टुकड़ों के स्वतन्त्र अर्थ नहीं होते । जैसे - दूध , गाय , रोटी , दीपक, पत्थर , देवता , आकाश , मेंढक , स्त्री ।

( ii ) यौगिक शब्द: वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों के योग से बने हैं । उन शब्दों का अपना पृथक अर्थ भी होता है , किन्तु वे मिलकर अपने मूल शब्द से सम्बंधित या अन्य किसी नये अर्थ का भी बोध कराते हैं , यौगिक शब्द कहलाते हैं । समस्त संधि , समास , उपसर्ग तभा प्रत्यय से बने शब्द यौगिक शब्द कहलाते हैं । यथा - विद्यालय , प्रेमसागर , प्रतिदिन , दूधवाला , राजमाता , ईश्वर-प्रदत , राष्ट्रपति , महर्षि , कृष्णार्पण , चिड़ीमार ।

( iii ) योगरूढ़ शब्द : यौगिक शब्द जिनका निर्माण पृथक - पृथक अर्थ देने वाले शब्दों के योग से होता है , किन्तु वे अपने द्वारा प्रतिपादित अनेक अर्थों में से किसी एक विशेष अर्थ के लिए ही प्रतिपादित होकर रूढ़ हो गये हैं , ऐसे शब्दों को योगरूढ़ शब्द कहते हैं । जैसे - पीताम्बर , शब्द ' पीत ' और ' अम्बर ' के योग से बना है , जो विष्णु के अर्थ में रूढ़ है । इसी प्रकार दशानन , हिमालय , जलज , जलद , गजानन , लम्बोदर , त्रिनेत्र , चतुर्भुज , धनश्याम , रजनीचर , विषधर चक्रधर , षडानन , रावणारि , मुरारि ।

( ग ) प्रयोग के आधार पर

प्रयोग के आधार पर हिन्दी में शब्दों के दो भेद किए जाते हैं ।
(i) विकारी ( ii ) अविकारी या अव्यय शब्द

( i ) विकारी शब्द : वे शब्द , जिनका रूप लिंग , वचन , कारक और काल के अनुसार परिवर्तित हो जाता है , उन्हें विकारी शब्द कहते हैं । विकारी शब्दों में समस्त संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण तथा क्रिया शब्द आते हैं ।

( ii ) अविकारी या अव्यय शब्द : वे शब्द जिनके रूप में लिंग , वचन , कारक , काल के अनुसार कोई विकार उत्पन्न नहीं होता अर्थात् इन शब्दों का रूप सदैव वही बना रहता है । ऐसे शब्दों को अविकारी या अव्यय शब्द कहते हैं । अविकारी शब्दों में क्रियाविशेषण , सम्बन्ध - बोधक अव्यय , समुच्चय बोधक अव्यय तथा विस्मयादिबोधक अव्यय आदि शब्द आते हैं ।

( घ ) अर्थ के आधार पर

अर्थ के आधार पर शब्दों के निम्न भेद किए जाते हैं -

( i ) एकार्थी शब्द : वे शब्द जिनका प्रयोग प्रायः एक ही अर्थ में होता है , एकार्थी शब्द कहलाते हैं । जैसे - दिन , धूप , लड़का , पहाड़ , नदी ।

( ii ) अनेकार्थी शब्द : वे शब्द , जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं , तथा उनका प्रयोग अलग-अलग अर्थ में किया जा सकता है । जैसे : अज , अमृत , कर , सारंग , हरि आदि अनेकार्थी शब्द हैं ।

( iii ) पर्यायवाची शब्द : वे शब्द , जिनका अर्थ समान होता है । अर्थात् एक ही शब्द के अनेक समानार्थी शब्द पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं । जैसे सूर्य , भानु , रवि , दिनेश , भास्कर आदि शब्द सूर्य के समानार्थी या पर्यायवाची शब्द हैं ।

( iv ) विलोम शब्द : ये शब्द जो एक दूसरे का विपरीत अर्थ देते हैं , उन्हें विलोम या विपरीतार्थक शब्द कहते हैं । जैसे दिन - रात , जय - पराजय , आशा - निराशा , सुख दुःख ।

( v ) समोच्चारित शब्द या युग्म शब्द : वे शब्द जिनका उच्चारण समान प्रतीत होता है किन्तु अर्थ बिलकुल भिन्न होता है । ऐसे शब्दों को समोच्चारित शब्द ,युग्म – शब्द या समरूपी भिन्नार्थक शब्द कहते हैं । जैसे : अनल अनिल उच्चारण में समान है किन्तु अनल का अर्थ है आग तथा अनिल को अर्थ हैं - हवा ।

( vi ) शब्द समूह के लिए एक शब्द : वे शब्द जो किसी वाक्य , वाक्यांश या शब्द समूह के लिए एक शब्द बन कर प्रयुक्त होते हैं उन्हें शब्द समूह के लिए प्रयुक्त एक शब्द कहते है । जैसे - जिसका कोई शत्रु न हो - अजातशत्रु ।

( vii ) समानार्थक प्रतीत होने वाले भिन्नार्थक शब्द : वे शब्द जो मोटे रूप में समान अर्थ वाले प्रतीत होते हैं , किन्तु उनमें अर्थ का इतना सूक्ष्म अन्तर होता है कि उन्हें अलग - अलग संदर्भ में ही प्रयुक्त करना पड़ता है । जैसे अस्त्र - शस्त्र , अस्त्र शब्द उन हथियारों के लिए प्रयुक्त इता है , जिन्हें फेंक कर वार किया जाता है । जैसे - तीर , बम , बन्दूक , आदि ; जबकि शस्त्र उन हथियारों को कहते हैं जिनका प्रयोग पास में रखकर ही किया जाता है जैस - लाठी , तलवार , चाकू , भाला आदि ।

( viii ) समूहवाची शब्द : वे शब्द जो किसी एक समूह का बोध कराते हैं उन्हें समूहवाची शब्द कहते हैं | जैसे : गट्ठर ( लकड़ी या पुस्तकों का ) गुच्छा ( चाबियों या अंगूर का ) गिरोह ( माफिया या डाकुओं का ) , जोड़ा जूतों का हंसों का), जत्था ( यात्रियों का , सत्याग्रहियों का ) , झुण्ड ( पशुओं का ) टुकड़ी ( सेना की ) , ढेर ( अनाज का ) ,भीड़ ( मनुष्यों की ) , माला ( फूलों की , मोतियों की ) , श्रृंखला ( मानव , लौह ) रेवड़ (भेड़ व बकरियों का) समूह ( मनुष्यों का ) ।

( ix ) ध्वन्यार्थक शब्द : वे ध्वन्यात्मक शब्द जिनको अर्थ ध्वनियों पर आधारित होता है । इनको निम्न उपभेदों में बाँट सकते हैं-

( अ ) पशुओं की बोलियाँ : किलकिलाना ( बन्दर ) , गुर्राना , ( चीता ) दहाड़ना ( शेर ) भौंकना ( कुत्ता ) , रेंकना ( गधा ) , हिनहिनाना ( घोड़ा ) , डकारना ( बैल ) , चिंघाड़ना ( हाथी ) , फूँफकारना ( सॉप ) , मिमियाना ( भेड़ , बकरी ) , रंभाना ( गाय ) , गुंजारना ( भौंरा ) , टर्राना ( मेंढ़क ) , म्याऊ ( बिल्ली ) बलबलाना ( ऊँट ) , हुआ हुआ ( गीदड़ )

( आ ) पक्षियों की बोलियाँ : कूजना ( बतख , कुरजा ) , कुकडूकूं ( मुर्गा ) चीखना ( बाज ) , हू हू ( उल्लू ) , काँव - काँव ( कौवा ), गुटरगूं ( कबूतर ) , टें - टें ( तोता ) , कूहकना ( कोयल ) , चहचहाना ( चिड़िया ) मेयो , मेयो ( मोर )

( ग ) जड़ पदार्थों की ध्वनियाँ : कड़कना ( बिजली ) , खटखटाना ( दरवाजा ) , छुक - छुक ( रलगाड़ी ) , टिक - टिक ( घड़ी ) , गरजना ( बादल ) , किटकिटाना ( दाँत ) , खनखनाना ( रुपया ) टनटनाना ( घण्टा ) फड़फड़ाना ( पंख ) , खड़खड़ाना ( पत्ते )

( घ ) अन्य शब्द : छलछलाना , लहलहाना , दमदमाना , चमचमाना , जगमगाना , फहराना , लपलपाना ।

Also Read - भाषा और व्याकरण

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