भारतीय नागरिकता व इसके प्रावधान

Indian citizenship and its provisions

भारतीय संविधान का भाग - 2 , अनुच्छेद 5 से 11 तक नागरिकता के सम्बन्ध में है ।

ब्रिटेन के समान भारत में एकल नागरिकता का प्रावधान है , जबकि अमेरिका में दोहरी नागरिकता है ।

अनुच्छेद 11 संसद को भविष्य में नागरिकता के संबंध में कानून बनाने का अधिकार प्रदान करता है । इसी आधार पर भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 प्रस्तुत किया गया ।

भारत में नागरिकता के निम्नलिखित प्रावधान हैं -

जन्म द्वारा

26 जनवरी , 1950 के बाद भारत में जन्म लेने वाला प्रत्येक व्यक्ति भारत का नागरिक होगा , किन्तु नागरिकता संशोधन अधिनियम , 1986 के बाद भारत के राज्यक्षेत्र में जन्म लेने वाला कोई व्यक्ति तब भारत का नागरिक होगा , जब उसके माता पिता में से कोई एक भारत का नागरिक हो ।

देशीकरण द्वारा

कोई भी विदेशी व्यक्ति जो अपने देश की नागरिकता का परित्याग कर चुका हो , 12 वर्ष से लगातार भारत में रह रहा हो और वह राज्यनिष्ठ एवं अच्छे चरित्र का हो , तो भारत सरकार को आवेदन देकर भारत का नागरिक बन सकता है ।

वंश परंपरा द्वारा

भारत के बाहर अन्य देश में 26 जनवरी , 1950 के पश्चात् जन्म लेने वाला व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाएगा , यदि उसके जन्म के समय उसके माता - पिता में से कोई एक भारत का नागरिक हो । माता की नागरिकता के आधार पर विदेश में जन्म लेने वाले व्यक्ति को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान नागरिकता संशोधन अधिनियम , 1992 द्वारा किया गया है ।

पंजीकरण द्वारा

जो व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है , वह पंजीकरण द्वारा भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकता है । पंजीकरण द्वारा नागरिकता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को इसके लिए नियुक्त प्राधिकारी के समक्ष विहित प्रारूप में आवेदन करना होता है । पंजीकरणकर्ता के लिए यह आवश्यक है कि वह कम - से - कम 5 वर्ष तक भारत में निवास किया हो ।

भूमि के अर्जन द्वारा

यदि किसी नये भू - भाग को भारत में शामिल किया जाता है , तो उस क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों को स्वत : भारत की नागरिकता प्राप्त हो जाती है ।


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