न्यूटन का गति का प्रथम नियम (Newton's First Law Of Motion)

Newton's First Law Of Motion

गति के प्रथम नियम का समीकरण

v = u + at
जहाँ
v = वेग
u = प्रारंभिक वेग
a = त्वरण
t = समय

न्यूटन का गति का प्रथम नियम ( जड़त्व का नियम ) ( Newton's First Law of Motion )

न्यूटन की गति के प्रथम नियम को गैलीलियो अथवा जड़त्व का नियम भी कहते हैं ।

इस नियम के अनुसारयदि कोई वस्तु विराम ( स्थिर ) अवस्था में है तो वह विराम ( स्थिर ) अवस्था में ही रहेगी और यदि वह एकसमान वेग ( शून्य त्वरण ) से सरल रेखा में गतिशील है तो वह वैसे ही गतिशील रहेगी , जब तक कि उसकी वर्तमान अवस्था में परिवर्तन के लिए बाह्य बल न लगाया जाये ।

वस्तु की स्थिर अथवा समान वेग से गतिशील , दोनों ही शून्य त्वरण की अवस्थाएँ हैं , इन अवस्थाओं में परिवर्तन के लिए बाह्य बल आवश्यक है ।

न्यूटन की गति के प्रथम नियम के उदाहरण

न्यूटन का प्रथम नियम जड़त्व को परिभाषित करता है , जड़त्व तीन प्रकार का होता है

  1. स्थिर अवस्था में जड़त्व ( Static Inertia )
  2. गतिशील अवस्था में जड़त्व ( Dynamic Inertia )
  3. दिशात्मक अवस्था में जड़त्व ( Inertia of Direction )

( 1 ) स्थिर अवस्था में जड़त्व ( Static Inertia )

इस नियम के अनुसार यदि बाह्य बल की अनुपस्थिति में कोई वस्तु स्थिर है तो वह स्थिर अवस्था में ही बनी रहेगी । इसे स्थिर अवस्था में जड़त्व का नियम कहते हैं ।

स्थिर अवस्था में जड़त्व के उदाहरण

( i ) स्थिर बस को यदि अचानक गति दे दी जाये तब बस में बैठे यात्री का नीचे का हिस्सा बस के साथ गति करने लगेगा , जबकि ऊपर का हिस्सा जड़त्व के कारण स्थिर बना रहने का प्रयास करेगा । इसके कारण बस के यात्री को पीछे की ओर धक्का लगेगा ।

( ii ) बन्दूक की गोली , काँच की खिड़की पर दागने पर गोली के टकराने के स्थान के अलावा जड़त्व के कारण काँच का अन्य भाग स्थिर अवस्था में रहता है और तड़कता नहीं है । इस कारण काँच में गोली के आकार का ही छेद होता है ।

( iii ) एक गिलास के ऊपर कार्डशीट रखकर एक सिक्का स्थिर अवस्था में रख दें और कार्डशीट को उँगली से तेजी से टक्कर मारकर हटायें तब कार्डशीट गतिशील होकर दूर चली जायेगी और सिक्का स्थिर अवस्था में जड़त्व के कारण गिलास के ऊपर रह कर गिलास में गिर जायेगा ।

( iv ) कम्बल को जब झड़काया जाता है तो मिट्टी के कण उससे अलग हो जाते हैं । कम्बल को झड़काने पर कम्बल तो गतिशील हो जाता है जबकि उसमें स्थित मिट्टी के कण स्थिर ही रहने का प्रयास करते हैं । अतः उससे अलग हो जाते हैं ।

( v ) यदि बस धीमी गति से गतिमान है , तो गति का जड़त्व एकसमान रूप से व्यक्ति के शरीर में संचरित हो जाता है , जिससे व्यक्ति का सम्पूर्ण शरीर बस के साथ गतिमान हो जाता है तथा व्यक्ति को कोई झटका नहीं लगता ।

( 2 ) गतिशील अवस्था में जड़त्व ( Dynamic Inertia )

इस नियम के अनुसार समान वेग से गतिशील वस्तु स्वतः ही ( बिना बल लगाये ) त्वरित या मंदित नहीं हो सकती अर्थात् गतिशील वस्तु निरन्तर गतिशील ही रहने का प्रयास करती है ।

गतिशील अवस्था में जड़त्व के उदाहरण

( i ) नियत वेग से चलती हुई रेलगाड़ी में कोई यात्री ऊपर की और गेंद उछाले तब वह पुनः यात्री के हाथ में आ जाती है क्योंकि गतिशीलता के जड़त्व के कारण , हवा में होते हुए भी गेंद रेलगाड़ी की गति की दिशा में गतिशील रहती है ।

( ii ) चलती हुई बस से जब कोई यात्री उतरता है तब उसके पाँव सड़क पर सम्पर्क से रुक जाते हैं , लेकिन शरीर का ऊपरी भाग गतिशील अवस्था के जड़त्व के कारण आगे चलता रहता है और यात्री बस की गति की दिशा में गिर जाता है ।

( iii ) क्रिकेट का तेज गेंदबाज गेंद फेंकने से पहले लम्बे रनअप पर तेजी से दौड़ता है ताकि उसके दौड़ने से प्राप्त अतिरिक्त वेग उसके द्वारा फेंकी गई गेंद के प्रभावी वेग को बढ़ा सके ।

( iv ) चलती हुई बस जब अचानक ब्रेक लगाती है तब बस में बैठे यात्री के शरीर का ऊपरी भाग गतिशीलता के कारण आगे की ओर गति बनाये रखता है और यात्री को आगे को झटका लगता है ।

( 3 ) दिशात्मक अवस्था में जड़त्व ( Inertia of Direction )

इस नियम के अनुसार गतिशील वस्तुः स्वतः ही अपनी गति की दिशा में परिवर्तन नहीं कर सकती । अर्थात् बाह्य बलों की अनुपस्थिति में वस्तु सरल रेखा के अनुदिश गति करती रहेगी ।

दिशा के जड़त्व के उदाहरण

( i ) किसी पतली डोरी से एक पत्थर बाँधकर क्षैतिज तल में वृत्ताकार पथ में घुमाया जाये और गति की स्थिति में यकायक डोरी टूट जाये तो डोरी से बँधा पत्थर अब वृत्ताकार पथ में गतिशील नहीं रह पाता , वरन् वृत्त की परिधि के अनुदिश स्पर्शरेखीय दिशा की ओर गति करता हुआ दूर चला जाता है ।

( ii ) किसी वाहन का घूर्णन करता हुआ पहिया कीचड़ को पहिए की स्पर्शज्या के अनुदिश बाहर की ओर फेंकता है , ऐसा दिशा के जड़त्व के कारण होता है |

जड़त्व से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य

1. जड़त्व का कोई मात्रक अथवा विमा नहीं होती ।

2. जड़त्व एक भौतिक राशि नहीं है , यह केवल वस्तु का अन्तर्निहित गुण है जो कि वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करता है ।

3. समान द्रव्यमान की दो वस्तुयें हैं , जिनमें से एक गतिमान और दूसरी स्थिर है । दोनों का जड़त्व का मान समान होता है क्योंकि जड़त्व केवल द्रव्यमान पर निर्भर करता है । यह वस्तु के वेग व आकार पर निर्भर नहीं करता ।

4. जड़त्व का अर्थ है परिवर्तन के प्रति प्रतिरोध ।

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