गुरुत्वाकर्षण से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी

gurutwakarshan se sambandhit prashnottari

न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम कहलाता है , क्योंकि यह सभी कणों के मध्य सभी दूरियों के लिए ब्रह्माण्ड में सभी जगहों पर लागू होता है ।

दो द्रव्यमानों के बीच की दूरी दुगुनी करने पर द्रव्यमानों के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल चौथाई हो जायेगा

गुरुत्वाकर्षण बल सबसे क्षीण बल है ।

पृथ्वी को R त्रिज्या का एक गोला मानते हुए पृथ्वी के केन्द्र से 2R दूरी पर 1 Kg . द्रव्यमान का भार 2.5 N है । उसी द्रव्यमान का केन्द्र से 3R दूरी पर भार होगा ?1.1 N

दो पिण्डों के द्रव्यमान m1 व m2 एवं उनके मध्य की दूरी r है तो उनके मध्य गुरुत्वाकर्षण बल के लिए न्यूटन का सूत्र सदिश संकेतन में होगा ?

F = - G
m1m2 / r2
r̂

निर्वात में स्थित दो वस्तुओं के लिए G का मान 6.67 × 10 - 11 Nm2 / Kg2 है । किसी माध्यम में स्थित उन्हीं वस्तुओं के लिए G का मान क्या होगा ?क्योंकि G एक सार्वत्रिक नियतांक है अतः यह माध्यम पर निर्भर नहीं करता । अत : G = 6.67 × 10 - 11 Nm2 / Kg2 ही रहेगा ।

दो पिण्डों के बीच F न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण बल कार्य कर रहा है । यदि उनके मध्य की दूरी पहले की अपेक्षा आधी कर दी जाये तो बल कितना हो जायेगा ? चार गुना हो जायेगा ।

चन्द्रमा पर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल लगता है तो चन्द्रमा पृथ्वी पर क्यों नहीं गिरता ? चन्द्रमा स्थिर कक्षा में है तथा पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल चन्द्रमा की गति के लम्बवत् लगता है और यह बल अभिकेन्द्रीय बल के रूप में व्यय हो जाता है ।

क्या गुरुत्वाकर्षण बल , न्यूटन के तृतीय नियम का पालन करता है ? हाँ ।

प्रायोगिक रूप से G का मान ज्ञात करने वाले वैज्ञानिक का नाम बताइए । लार्ड कैविन्डश

यदि किसी बिन्दु पर गुरुत्वीय त्वरण का मान g / 2 हो तो उस बिन्दु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता का मान होगा g / 2

पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण का मान 9 . 8 m / s2 है । 10 kg द्रव्यमान को पृथ्वी के केन्द्र पर ले जाने पर उसका भार होगा ? शून्य

यदि पृथ्वी की त्रिज्या 1 प्रतिशत सिकुड़ जाये और उसका द्रव्यमान वही रहे तो पृथ्वी तल पर गुरुत्वीय त्वरण बढ़ जाता है

एक ग्रह जिसका द्रव्यमान एवं त्रिज्या दोनों पृथ्वी से दोगुने हैं तब उस ग्रह के पृष्ठ पर गुरुत्वीय त्वरण का मान होगा ? g / 2

एक ग्रह जिसकी त्रिज्या पृथ्वी की त्रिज्या से आधी है एवं जिसका औसत घनत्व पृथ्वी के घनत्व के समान है , के तल पर गरुत्वीय त्वरण का मान होगा 4.9 m / s2

व्यक्ति चन्द्रमा तल पर पृथ्वी तल से अधिक ऊँची कद लगा सकता है , क्योंकि चन्द्रमा पर g का मान पृथ्वी से कम है ।

एक 4 kg का द्रव्यमान किसी गरुत्वाकर्षण क्षेत्र में 40 N का बल अनुभव करता हो तो उस क्षेत्र की तीव्रता का मान होगा 10 N / kg

किसी ग्रह पर गुरुत्वीय त्वरण 1.96 m / s2 है । यदि पृथ्वी पर 2 m की ऊँचाई से कूदना सुरक्षित है तो ग्रह पर संगत सुरक्षित ऊँचाई होगी 10m

चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण g / 6 है । एक वस्तु जिसका पृथ्वी पर भार 60 kg हो तो चन्द्रमा पर भार होगा 10 kg

यदि एक वस्तु को पृथ्वी तल से चन्द्रमा पर ले जाया जाये तब वस्तु के भार पर किस प्रकार परिवर्तन होगा ? पहले घटेगा फिर बढ़ेगा ।

पृथ्वी के केन्द्र पर वस्तु का द्रव्यमान , सतह पर के द्रव्यमान से किस प्रकार बदलता है ? अपरिवर्तित रहता है ।

यदि पृथ्वी की घूर्णन गति बढ़ जाये तब भूमध्य रेखा पर रखी वस्तु के भार पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? घट जायेगा ।

कितनी ऊँचाई एवं कितनी गहराई पर हमारा भार एक चौथाई हो जायेगा ? R = 6400 km ऊँचाई पर
तथा ¾ R = ¾ × 6400 = 4800 km गहराई पर ।

किसी उपग्रह को ग्रह के परितः घूमने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल कहाँ से प्राप्त होता है ? ग्रह एवं उपग्रह के मध्य लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल से ।

गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक लिखिए । N / kg

पृथ्वी की सतह पर g का मान कितना होता है ? 9.8 m / s2

चन्द्रमा पर वायुमण्डल की अनुपस्थिति का कारण है ? गैसों के अणुओं का वर्ग माध्य मूल वेग पलायन वेग से अधिक है ।

पृथ्वी के परितः अन्तरिक्ष यान में घूमते हुए भारहीनता का कारण त्वरण

पृथ्वी की सतह के निकट वृत्ताकार कक्षा में घूम रहे कृत्रिम उपग्रह का कक्षीय वेग है । पृथ्वी की त्रिज्या की आधी ऊँचाई पर ( h = R / 2 ) परिक्रमा करते उपग्रह का कक्षीय वेग होगा v0 = √⅔

हाइड्रोजन से भरा गुब्बारा चन्द्रमा पर ले जाया जाता है । वहाँ गुरुत्वीय त्वरण है तो गुब्बारा gmत्वरण से गिरेगा ।

पृथ्वी तल से √gR वेग से फेंके गये प्रक्षेप्य की ऊँचाई होगी R

किसी वस्तु का पलायन वेग , वस्तु के द्रव्यमान m पर निम्न प्रकार निर्भर करता है m0

पृथ्वी को ठोस गोला मानते हए पृथ्वी के कारण अधिकतम गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता होगी पृष्ठ पर

सूर्य के चारों ओर गतिमान ग्रहों का पथ होता है दीर्घवृत्ताकार

एक भूस्थिर उपग्रह के लिए इसका वेग अन्य उपग्रहों से कम होता है ।

एक उपग्रह में अन्तरिक्ष यात्री भारहीनता अनुभव करता है । इसका तात्पर्य है उसका निरीक्षण एक स्वतन्त्र रूप से गिरते हुए लिफ्ट में बैठे यात्री के समान है ।

एक उपग्रह अपनी कक्षा में v वेग से गति कर रहा है , यदि इसका द्रव्यमान m है तो इसकी कुल ऊर्जा है- ½ mv2

पृथ्वी तल के समीप परिभ्रमण कर रहे उपग्रह का वेग km / s में लगभग होगा 8

पृथ्वी की तुलना में चन्द्रमा पर पलायन वेग का मान होगा कम

पृथ्वी तल के समीप घूम रहे उपग्रह का वेग तथा पलायन वेग का अनुपात होगा 0.707

पृथ्वी के किस कोण पर फेंकने पर पलायन वेग का मान सबसे कम आयेगा ? पलायन वेग प्रक्षेपण कोण पर निर्भर नहीं करता ।

समुद्र में उत्पन्न ज्वार - भाटे का प्रमुख कारण क्या है ? चन्द्रमा का पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण प्रभाव ।

भू - स्थायी उपग्रह किस ऊँचाई पर स्थापित किये जाते हैं ? पृथ्वी तल से लगभग 36000 km ऊँचाई पर ।

अनन्त पर गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का मान बताइए । शून्य ।

गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा की प्रकृति बताइए । ऋणात्मक

पृथ्वी के निकट गतिमान उपग्रह के वेग में कितने प्रतिशत वद्धि की जाये जिससे उपग्रह अपने कक्ष को छोड़कर पलायन कर जाये ? 41.4 %

ग्रहों तथा उपग्रहों की गति में कौनसी भौतिक राशि संरक्षित रहती है ? कोणीय संवेग ।

पृथ्वी के संचार उपग्रह का परिक्रमण काल कितना होता है ? 24 घण्टे

एक मिसाइल , पलायन वेग से कम वेग से छोडी गयी । इसकी गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा के योग की प्रकृति क्या होगी ?ऋणात्मक

10 gm वस्तु के लिए पलायन वेग 11.2 km / s है । तब 50 gm वस्तु के लिए पलायन वेग का मान बताइए । 11.2 km / s क्योंकि पलायन वेग वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता ।

पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय विभव का सूत्र लिखिए । V = - GM/R

पलायन वेग एवं कक्षीय वेग में सम्बन्ध लिखिए । ve = v0√2

तुल्यकाली ( Geo - stationary ) उपग्रह क्या होता है ? यदि कोई उपग्रह इतनी ऊँचाई पर स्थापित कर दें कि वह भी 24 घण्टों में भूमध्यरेखीय तल में पथ्वी के चारों ओर उसी दिशा में परिक्रमा करे जिस दिशा में पृथ्वी चक्रण करती है तो ऐसा उपग्रह पृथ्वी की भूमध्यरेखा स्थित प्रेक्षक को स्थिर दिखाई देगा . उस उपग्रह को तुल्यकाली उपग्रह कहते हैं ।

एक उपग्रह अपनी कक्षा में बिना कोई ईंधन खर्च किये चक्कर लगाता है जबकि वायुयान को एक निश्चित ऊँचाई पर उड़ते रहने के लिए ईंधन चाहिए । ऐसा क्यों ? उपग्रह पृथ्वी से बहुत ज्यादा ऊँचाई पर ( 600 - 1000 K . M . ) पृथ्वी का परिक्रमण करता है जिसके कारण वायु का कोई प्रतिरोध नहीं होता है । इसलिए परिक्रमण के लिये ईंधन की आवश्यकता नहीं होती है जबकि वायुयान सघन वायु में उड़ता है और वायुयान को वायु के प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है जिसके लिये ईंधन की आवश्यकता पड़ती है ।

साधारणतया अंतरिक्ष रॉकेट पश्चिम से पूर्व की ओर छोड़े जाते हैं , इसका क्या कारण है ? पृथ्वी सदैव पश्चिम से पूर्व की ओर घूर्णन गति करती है । इस कारण से रॉकेट को छोड़ने के लिये कम वेग की आवश्यकता पड़ती है ।

क्या विभिन्न संचार उपग्रहों की वृत्तीय कक्षायें भिन्न हो सकती हैं ?नहीं , चूँकि यह भूमध्य रेखा पर 36000 किलोमीटर त्रिज्या वाली वृत्तीय कक्षा होती है ।

क्या सरल लोलक कृत्रिम उपग्रह में प्रयोग में लाया जा सकता है ? भारहीनता होने के कारण हम इसको उपयोग में नहीं ला सकते हैं ।

किसी वस्तु को पृथ्वी तल से चाँद पर ले जाते समय उसका भार किस प्रकार बदलेगा ? पहले घटेगा , फिर शून्य होगा तथा अन्त में चाँद पर पुनः बढ़ेगा ।

कृत्रिम उपग्रह पर भारहीनता अनुभव होती है लेकिन चन्द्रमा पर क्यों नहीं ? कृत्रिम उपग्रह का स्वयं का द्रव्यमान कम होने के कारण प्रभावी गुरुत्वाकर्षण नगण्य है । चन्द्रमा में अधिक द्रव्यमान होने के कारण उसके स्वयं का गुरुत्व बल लगने से भारहीनता महसूस नहीं होती ।

किसी उपग्रह को अपनी कक्षा में चक्कर लगाने के लिए कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है ? अभिकेन्द्र बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होता है । अतः ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती ।

यदि पृथ्वी एक खोखला गोला हो तो इसकी पृष्ठ से 10 km गहराई पर किसी वस्तु का भार क्या होगा ? उत्तर - खोखले गोले में g = 0 होने से वस्तु का भार W = mg से W = 0 अर्थात् शून्य होगा ।

पृथ्वी ध्रुवों पर चपटी क्यों है ?अक्ष पर घूर्णन के कारण ।

यदि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर वृत्तीय कक्षा में घूमती है तो गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा किया गया कार्य क्या होगा ? गुरुत्वाकर्षण बल घूमने के लिये आवश्यक अभिकेन्द्र बल प्रदान करता है , जो गति के लम्बवत् होता है । अतः कार्य शुन्य होगा ।

1 kg wt . ( किग्रा भार ) में कितने न्यूटन होते हैं ? 1 kg wt . ( किग्रा . भार ) = 1 × 9.8 = 9 . 8 न्यूटन

पृथ्वी तल से किसी वस्तु के लिये पलायन वेग का मान 11.2 km / s है । जब वस्तु क्षैतिज से 30° पर फेंकी जाये तो पलायन वेग का मान क्या होगा ? पलायन वेग कोण पर निर्भर नहीं करता है ।

चन्द्रमा पृथ्वी की तुलना में बहत हल्का है , फिर ये पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण द्वारा गिरता क्यों नहीं ? पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल , चन्द्रमा की गति के लम्बवत् होता है , अतः कार्य शून्य होगा ।

10 ग्राम सोने का भार ध्रुवों पर भूमध्य रेखा की तुलना में अधिक होता है , क्यों ? क्योंकि वस्तु का भार W = mg
W ∝ g
ध्रुवों पर गुरुत्वीय त्वरण g अधिक है अत : ध्रुवों पर 10 gm सोने का भार अधिक होगा ।

भारत द्वारा छोड़े गये प्रथम उपग्रह का नाम बताइये । आर्यभट्ट , 19 अप्रेल , 1975

गुरुत्वीय क्षेत्र की विमा लिखिये । [ M0LT-2]

Download PDF

Download & Share PDF With Friends

Download PDF
Free
Knowledge Hub

Your Knowledge Booster..!

Post a Comment (0)
Previous Post Next Post