Knowledge Booster - 8

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1. मुक्केबाजी में 51 किग्रा या 66 किग्रा वर्ग का क्या अर्थ होता है ?

मुक्केबाजी , कुश्ती , जूडो कराटे और भारोत्तोलन जैसी प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों के अपने शरीर के वजन भी महत्वपूर्ण होता है । इसलिए इनमें खिलाड़ियों को अलग - अलग वजन के आधार पर वर्गीकृत करते हैं । उदाहरण के लिए लंदन ओलंपिक की पुरुष वर्ग की बॉक्सिंग प्रतियोगिता में दस वर्ग इस प्रकार थे -
1 . लाइट फ्लाई वेट 49 किलोग्राम तक
2 . फ्लाई वेट 52 किलोग्राम तक
3 . बैंटमवेट 56 किलोग्राम
4 . लाइट वेट 60 किलोग्राम
5 . लाइट वेल्टर 64 किलोग्राम
6 . वेल्टर 69 किलोग्राम
7 . मिडिल 75 किलोग्राम
8 . लाइट हैवी 81 किलोग्राम
9 . हैवी 91 किलोग्राम
10 . सुपर हैवी 91 किलोग्राम
से ज्यादा महिलाओं के वर्ग का वर्गीकरण दूसरा था । इसी तरह कुश्ती का वर्गीकरण महिला और पुरुष वर्ग में अलग अलग था ।

2. किसी बीमारी से बचाव के लिए लगाया जाने वाला टीका किस तरीके से काम करता है ? क्या यह हर बीमारी में कारगर होती है ?

किसी बीमारी से बचाव के लिए जब टीका लगता है तो यह शरीर में प्रविष्ट होते ही उस विशिष्ट बीमारी की एंटीबॉडी यानी प्रतिरोधक क्षमता को बनाने के लिए शरीर को प्रेरित करता है , जो उस बीमारी के कीटाणुओं को नष्ट कर देती है , जिनकी रोकथाम के लिए यह टीका लगा होता है । इनमे से कुछ बीमारियां हैं - डिप्थीरिया , टायफॉयड , कोलेरा , टीबी आदि । सभी की अपनी अलग एंटीबॉडी शरीर में पैदा होती हैं , जो कि संक्रमित बीमारियों के ही इलाज में कारगर होती हैं , सब बीमारियों के इलाज के लिए नहीं ।

3. ग्रीन टी क्या है और यह कैसे उपलब्ध होती है ?

काली चाय और हरी चाय एक ही पौधे की उपज हैं । दोनों ही कैमेलिया साइनेसिस प्लांट से हासिल होती हैं । हम जिस चाय को आमतौर पर पीते हैं , वह प्रोसेस्ड सीटीसी चाय है । इसका अर्थ है कट , टीर एंड कर्ल । इसमें चाय की पत्तियों को तोड़कर मशीन में डालकर सुखाया जाता है । इसे छलनियों की मदद से छानकर अलग अलग साइज में एकत्र कर लिया जाता है , जिसके पैकेट बनाए जाते हैं । चाय की पत्ती को हल्का सा क्रश करने और सूखने के लिए हवा में छोड़ने के कारण इनमें ऑक्सीकरण के चलते काला रंग आ जाता है । ऐसा ही सेबों को काटने के बाद भी होता है । लेकिन ग्रीन टी को इस ऑक्सीकरण से बचाने के लिए कुचला नहीं जाता बल्कि साबुत पत्ती को हल्की भाप दी जाती है । इससे इनमें मौजूद वे एंजाइम खत्म हो जाते हैं , जिनके कारण पत्ती काली होती है । इसके बाद इन पत्तियों को सुखा लिया जाता है , जिससे वे हरे रंग की रह जाती हैं । काली चाय में कैफीन होती है जबकि हरी चाय में नहीं होती । इन दो किस्मों के अलावा एक ऊलांग और सफेद चाय भी होती है । वैसे तो हर प्रकार की चाय शरीर के लिए लाभकर है लेकिन ग्रीन टी हृदय , मस्तिष्क और पूरे शरीर के लिए लाभकर है । खासतौर पर यह कैंसर को रोकती है । इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स शरीर के क्षय को रोकते हैं । यह कॉलेस्ट्रॉल कम करती है और वजन को नियंत्रित रखती है । इसमें मौजूद फ्लुओराइड हड्डियों को स्वस्थ रखता है । हरी चाय आसानी से उपलब्ध है ।

4. दूध की बजाय दही खाने को स्वास्थ्यवर्धक क्यों कहते हैं ?

दही में दूध के मुकाबले कई गुना कैल्शियम होता है । दूध में लैक्टो बैसीलियस होते हैं , जो दही जमाते हैं । ये कई गुना ज्यादा होते हैं । इससे दही में पाचन की शक्ति बढ़ जाती है । दही में दूध की तुलना में अधिक फास्फोरस , प्रोटीन , आयरन और लैक्टोस पाया जाता है । दही बनने पर दूध की शर्करा एसिड का रूप ले लेती है , इससे भोजन पचाने में मदद मिलती है ।

5. फिटकरी क्या है ? क्या यह भी नमक की तरह समुद्र से मिलती है ?

फिटकरी एक प्रकार का खनिज है , जो प्राकृतिक रूप में पत्थर की शक्ल में मिलता है । इस पत्थर को एल्युनाइट कहते हैं । इससे परिष्कृत फिटकरी तैयार की जाती है । यह सेंधा नमक की तरह चट्टानों से मिलती है । इसका रासायनिक नाम पोटेशियम एल्यूमीनियम सल्फेट है ।

6. एटीएम का पूरा अर्थ क्या है ?

एटीएम का पूरा अर्थ है - ऑटोमेटेड टैलर मशीन । टैलर को सामान्यतः क्लर्क या कैशियर के रूप में पहचानते हैं । एटीएम की जरूरत पश्चिमी देशों में वेतन बढ़ने और प्रशिक्षित लोगों की संख्या में कमी के चलते पैदा हुई । काम को आसान और सस्ता बनाने के अलावा यह ग्राहक के लिए सुविधाजनक भी है । व्यावसायिक संस्थानों में सेल्फ सर्विस की अवधारणा बढ़ी है । इसके आविष्कार का श्रेय आर्मेनियाई मूल के अमेरिकी लूथर जॉर्ज सिमियन को जाता है । उसने 1939 में इस प्रकार की मशीन तैयार कर ली थी , जिसे शुरू में उसने बैंकमेटिक का नाम दिया था । लेकिन इस मशीन को किसी ने स्वीकार नहीं किया था । बैंक अपने कैश को लेकर संवेदनशील होते हैं । वे एक मशीन के सहारे अपने कैश को छोड़ने का जोखिम मोल लेने को तैयार नहीं थे । लूथर इसके विकास में लगा रहा और 21 साल बाद जून 1960 में उसने इसका पेटेंट फाइल किया । फरवरी 1963 में उसे इसका पेटेंट मिला । इसी बीच सिटी बैंक ऑफ न्यूयॉर्क ( आज का सिटी बैंक ) को इसका प्रयोगात्मक रूप से इस्तेमाल करने के लिए राजी कर लिया गया । छह माह के ट्रायल में यह मशीन लोकप्रिय नहीं हो पाई । साठ के दशक में ही क्रेडिट कार्ड का चलन शुरू हो जाने के कारण जापान में इस तरीके की मशीन की जरूरत महसूस की गई । तब तक कुछ और लोगों ने मशीनें तैयार कर ली थीं । जापान में 1966 में एक कैश डिस्पेंसर लगाया गया , जो चल निकला । उधर 1967 में , लंदन में बार्कलेज बैंक ने ऐसी मशीन लगाने की घोषणा की । उस मशीन को तैयार किया था , भारत में जन्मे स्कॉटिश मूल के जॉन शेफर्ड ने । इस मशीन में तब से काफी बदलाव हो चुके हैं । इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रमेंटेशन के बुनियादी तौर - तरीकों में काफी बदलाव हो चुका है । मैग्नेटिक स्ट्रिप के कारण इसकी कार्य पद्धति बदल गई है । प्लास्टिक मनी की संस्कृति विकसित होने के कारण इसका चलन बढ़ता जा रहा है । अब तो आप भारतीय बैंक के कार्ड से अमरीका में भी धन निकाल सकते हैं । यह काफी सुविधाजनक है ।

7. एमआरपी अधिकतम खुदरा मूल्य तय करने के मानक क्या हैं ?

भारत के उपभोक्ता सामग्री ( उत्पादन एवं अधिकतम मूल्य का अनिवार्य मुद्रण ) अधिनियम 2006 के अनुसार , देश में बिकने वाली उपभोक्ता सामग्री का अधिकतम मूल्य पैकट पर छपा होना चाहिए । दुनिया के तमाम देशों में इस आशय के अपने - अपने कानून हैं । इनका उद्देश्य एक ओर उपभोक्ता के अधिकारों की रक्षा करना है , वहीं दूसरी ओर यह बड़े और छोटे व्यापारियों के बीच की प्रतियोगिता में छोटे व्यापारियों के हितों की भी रक्षा करता है । जब इस तरह की व्यवस्था नहीं थी , तब बड़े व्यापारी अपनी मर्जी से चीजों की कीमतें तय कर देते थे । अब उत्पादक पर यह जिम्मेदारी है कि वह अपनी उत्पादन लागत के अलावा खुदरा व्यापारी तक उस वस्तु के जाने तक होने वाली मूल्य वृद्धि , माल भाड़े , चुंगी और अन्य टैक्स एवं मुनाफे को जोड़कर वाजिब कीमत तय कर दे । दुकानदार उससे अधिक कीमत पर उसे नहीं बेचेगा । यदि विक्रेता अपनी ओर से कुछ डिस्काउंट देगा तो ग्राहक को यह पता रहेगा कि उसे कितने प्रतिशत की छूट दी गई है ।

8. उल्लू रात में कैसे देखता है ?

उल्लू ऐसा जंतु है , जो बहुत कम रोशनी - में भी चीजों को आसानी से देख लेता है । इसकी अधिकतर प्रजातियां रात में देखने की क्षमता रखने वाली हैं । इनकी आंखों में कई प्रकार की अनुकूल क्षमता होती है । खासतौर पर आंखों का आकार बाकी पक्षियों की तुलना में काफी बड़ा होता है । इसके रेटिना में प्रकाश संवेदनशील कोशिकाएं होती हैं । कॉर्निया भी बड़ा होता है पर वे दूरदर्शी होते हैं । इस कारण पास की चीजें अच्छी तरह से देख नहीं पाते ।

9. दुनिया का सबसे छोटा हवाईअड्डा कहां है ?

कैरीबियन सागर के द्वीप सबा का हवाईअड्डा दुनिया का सबसे छोटा हवाईअड्डा माना जाता है । इसका रनवे 400 मीटर लंबा है । इस हवाईअड्डे पर जेट विमान नहीं उतरते , क्योंकि उनके लिए लंबा रनवे चाहिए होता है ।

10. पानी में भंवर कैसे बनते हैं और चक्रवात किसे कहते हैं ?

भंवर आमतौर पर एक - दूसरे से विपरीत दिशा में आ रही लहरों के टकराने पर बनते हैं । जब आप पानी के किसी बर्तन में ऊपर से पानी गिराएं तो दबाव के कारण पानी नीचे जाता है और इसके चारों ओर एक गोल घेरा बन जाता है । यह भी एक प्रकार का भंवर है । आप पानी से भरी किसी बोतल की तली में छेद कर दें और उसे देखें तो लगेगा कि पानी के बीचोंबीच घूमते चक्रवात जैसा एक खड़ा स्तंभ बन जाता है और ऊपर पानी की सतह पर भंवर बन जाता है । सागर के ऊपर या धरती की सतह पर जब हवाएं टकराकर गोल घूमने लगती हैं तो इसे चक्रवात कहते हैं ।

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